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सेवा ही परम धर्म है
अन्नपूर्णा महाबाहु सेवा संघ विषम परिस्थितियों में समाज के जरूरतमंद, वंचित और पिछड़े वर्गों के लिए निस्वार्थ भाव से कार्य करता है। यह संगठन सेवा और मानवता को सर्वोपरि मानते हुए विभिन्न प्रकार के सेवा कार्यों में सक्रिय रहता है।
अन्नपूर्णा महाबाहु सेवा संघ केवल सहायता प्रदान करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज में सेवा, समानता और सद्भाव की भावना को भी प्रोत्साहित करता है। यह संगठन उन लोगों के लिए आशा की किरण है जिन्हें अक्सर समाज में नजरअंदाज कर दिया जाता है।
हमारा लक्ष्य है "सेवा ही परम धर्म है" के आदर्श को साकार करते हुए हर जरूरतमंद तक सहायता पहुँचाना और मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देना।
हमारे संगठन का प्रमुख उद्देश्य समाज के हर वर्ग तक स्वास्थ्य सुविधाएँ पहुँचाना है। हम नियमित रूप से फ्री हेल्थ कैंप, ब्लड डोनेशन ड्राइव, और जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित करते हैं, ताकि लोग स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित हों। संस्था के सदस्य ज़रूरतमंद मरीजों के लिए ऑपरेशन, दवाइयों और अस्पताल खर्च में भी सहयोग प्रदान करते हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों और वंचित समुदायों में मेडिकल चेकअप कैंप आयोजित कर प्राथमिक उपचार, नेत्र जांच, और ब्लड प्रेशर व शुगर टेस्ट जैसी सेवाएँ दी जाती हैं। हमारा उद्देश्य है कि कोई भी व्यक्ति आर्थिक तंगी के कारण इलाज से वंचित न रहे।
हमारे संगठन का एक प्रमुख उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि समाज में कोई भी व्यक्ति भूखा न सोए। इसी उद्देश्य से हम नियमित रूप से भोजन वितरण कार्यक्रम आयोजित करते हैं। रविवार, अमावस्या, पूर्णिमा, एकादशी जैसे धार्मिक अवसरों पर एवं विशेष पर्वों पर भंडारा सेवा के माध्यम से हजारों लोगों तक भोजन पहुँचाया जाता है।
इस सेवा में संस्था के समर्पित स्वयंसेवक सुबह से लेकर देर रात तक प्रसाद वितरण, गरीब बस्तियों में पैकेट भोजन बाँटने, और अस्पतालों, रेलवे स्टेशन जैसे स्थानों पर जरूरतमंदों को ताज़ा भोजन देने का कार्य करते हैं। यह केवल एक सेवा नहीं बल्कि मानवता का उत्सव है, जो समाज में प्रेम, करुणा और समानता का संदेश फैलाता है।
गर्मी के मौसम में हमारी संस्था द्वारा राहगीरों के लिए ठंडे पानी, छाछ और शरबत की व्यवस्था की जाती है। सार्वजनिक स्थलों पर वाटर कूलर व प्याऊ लगाकर लोगों को ताज़गी और राहत पहुँचाना हमारा उद्देश्य है। यह सेवा न केवल शारीरिक ताजगी देती है, बल्कि समाज में सेवा भावना और सद्भावना का भी संचार करती है।
तपती धूप में प्यासे लोगों को जल प्रदान करना हमारे लिए पुण्य और परोपकार का कार्य है। संस्था के सदस्य स्वयंसेवकों के साथ मिलकर विभिन्न चौक, मंदिर और बस स्टॉप पर प्याऊ चलाते हैं ताकि हर राहगीर को मुक्त जल सेवा का लाभ मिल सके।
हमारी संस्था का उद्देश्य देशभर में कार्यरत प्रवासी मजदूरों की सहायता करना है, जो अपने परिवारों से दूर रहकर समाज के विकास में योगदान देते हैं। हम उन्हें शारीरिक, मानसिक और धार्मिक रूप से सहयोग प्रदान करते हैं, ताकि वे सम्मानपूर्वक जीवनयापन कर सकें।
संस्था द्वारा आवास, भोजन, वस्त्र और चिकित्सीय सहयोग उपलब्ध कराया जाता है। विशेष अवसरों पर धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन कर मजदूर भाइयों को आध्यात्मिक संतुलन और मानसिक शांति प्रदान की जाती है। हमारा उद्देश्य है कि कोई भी प्रवासी मजदूर खुद को समाज से अलग न महसूस करे।
हमारी संस्था पर्यावरण संरक्षण को अत्यंत महत्वपूर्ण मानती है। स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण के लिए हम नियमित रूप से वृक्षारोपण अभियान चलाते हैं, जिसमें समाज के हर वर्ग को जोड़ने का प्रयास किया जाता है। संस्था के सदस्य विद्यालयों, सार्वजनिक स्थलों और ग्रामीण क्षेत्रों में पौधे लगाकर हरित भारत के निर्माण में योगदान दे रहे हैं।
केवल पौधारोपण ही नहीं, बल्कि उनका संरक्षण और देखभाल भी हमारी जिम्मेदारी है। संस्था द्वारा लगाए गए पौधों की नियमित सिंचाई, सुरक्षा और निगरानी की जाती है ताकि वे हरियाली और जीवन का प्रतीक बन सकें। हमारा संदेश है — “एक पेड़, सौ नेकी – जीवन की सच्ची सेवा यही।”
हमारी संस्था द्वारा प्रतिवर्ष गणेश पूजा का भव्य आयोजन किया जाता है, जिसका उद्देश्य समाज में श्रद्धा, एकता और संस्कृति को बढ़ावा देना है। इस सेवा के अंतर्गत भक्तगण एक साथ मिलकर भगवान गणेश की आराधना करते हैं और सामूहिक रूप से प्रसाद वितरण, भजन संध्या तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेते हैं।
इस कार्यक्रम के माध्यम से हम लोगों को सद्भाव, सहयोग और सामाजिक एकता का संदेश देते हैं। संस्था की ओर से आयोजन स्थल की सजावट, भंडारा सेवा और धार्मिक अनुष्ठान की संपूर्ण व्यवस्था की जाती है। हमारा उद्देश्य है कि हर व्यक्ति भगवान गणेश की कृपा से आनंद और शांति का अनुभव करे।
हमारी संस्था का एक प्रमुख उद्देश्य समाज के वृद्धजनों की सेवा और सम्मान है। वृद्धाश्रम सेवा के अंतर्गत हम उन बुजुर्गों की देखभाल करते हैं जो अपने परिवार से दूर या असहाय हैं। संस्था द्वारा उन्हें आवास, भोजन, चिकित्सीय सहायता तथा मानसिक सहयोग प्रदान किया जाता है ताकि वे सम्मानपूर्वक जीवन व्यतीत कर सकें।
यहां नियमित रूप से भजन-संध्या, योग सत्र और सांस्कृतिक गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं ताकि उनके जीवन में खुशियाँ बनी रहें। संस्था के स्वयंसेवक समय-समय पर वृद्धजनों से मिलकर उनका हालचाल पूछते हैं और प्यार, आदर और अपनापन का वातावरण बनाए रखते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हर बुजुर्ग अपने जीवन के इस चरण में सुरक्षा और स्नेह महसूस करे।
हमारी संस्था समाज में रक्तदान के महत्व को समझते हुए समय-समय पर रक्तदान शिविरों का आयोजन करती है। इसका उद्देश्य है कि किसी भी ज़रूरतमंद को रक्त की कमी के कारण जीवन न गंवाना पड़े। “रक्तदान – महादान” के इस अभियान के माध्यम से हम युवाओं को मानवता की सेवा के लिए प्रेरित करते हैं।
संस्था द्वारा सरकारी अस्पतालों और ब्लड बैंक के सहयोग से रक्तदान शिविर आयोजित किए जाते हैं। सभी दाताओं को स्वास्थ्य जांच और प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जाता है। हमारा लक्ष्य है कि रक्तदान को समाज में सामान्य और सम्मानजनक कार्य के रूप में स्थापित किया जाए ताकि हर व्यक्ति किसी का जीवन बचाने में योगदान दे सके।
हमारी संस्था द्वारा मूर्ति विसर्जन सेवा का आयोजन श्रद्धा और स्वच्छता, दोनों भावनाओं को ध्यान में रखकर किया जाता है। उद्देश्य यह है कि भक्तजन भगवान की मूर्तियों का सम्मानपूर्वक एवं पर्यावरण के अनुकूल विसर्जन कर सकें। हम सामूहिक विसर्जन की व्यवस्था करते हैं ताकि लोग एक साथ श्रद्धापूर्वक इस धार्मिक कार्य में भाग ले सकें।
संस्था की टीम द्वारा विसर्जन स्थलों पर सुरक्षा, स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का पूरा ध्यान रखा जाता है। मूर्तियों के विसर्जन के बाद जलाशयों की सफाई तथा ईको-फ्रेंडली मूर्तियों के उपयोग के प्रति जागरूकता फैलाई जाती है। हमारा संकल्प है कि परंपरा और प्रकृति दोनों का सम्मान करते हुए श्रद्धा, सेवा और स्वच्छता का सुंदर संगम बनाया जाए।
हमारी संस्था द्वारा आयोजित सामाजिक समरसता अभियान का उद्देश्य समाज में भेदभाव, जातिवाद और असमानता को समाप्त कर एकता और भाईचारे की भावना को बढ़ावा देना है। इस अभियान के अंतर्गत विभिन्न सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक वर्गों के लोग एक साथ मिलकर समानता, सम्मान और सहयोग का संदेश फैलाते हैं।
संस्था द्वारा समरसता संगोष्ठी, जागरूकता रैली और सामूहिक भंडारा जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन आयोजनों में सभी समुदायों के लोगों को समान रूप से आमंत्रित किया जाता है ताकि समाज में आपसी सद्भाव और एकता की भावना और प्रबल हो। हमारा लक्ष्य है कि हर व्यक्ति खुद को समाज का समान और अभिन्न हिस्सा महसूस करे — यही सच्ची समरसता सेवा है।
गोद लिए बच्चे: दो बच्चों की शिक्षा और अन्य व्यवस्था की पूरी जिम्मेदारी संस्था द्वारा ली गई है।
त्योहारों का आयोजन: श्रमिक वर्ग के साथ होली, दीपावली आदि पर्व समाजिक समरसता के साथ मनाना।
प्रभु दर्शन: धर्म में विश्वास बनाए रखने के लिए समय-समय पर आयोजन।
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